वीरेंद्र मेंहदीरत्ता .... यह उन दिनों की बात है जब हम पाकिस्तान में लायलपुर के पास मघियाने के भभराने मुहल्ले में रहा करते थे। सारे मुहल्ले में मेरे पिता लाला भगवानदास और चाचा हरपाल सिंह की दोस्ती मश…
मदन-मुद्रा कलावती ! प्यारी, दुलारी, इकलौती बेटी !कोई ऐसी थोड़े थी, राजकुमारी थी वह ! प्रकृति ने मानो सौंदर्य के सारे उपादानों की वर्षा की थी उस पर।उसकी मुस्कान से वह बहुत खुश हुआ। हमेशा कृपणता से घिरी…
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