नापाक पाक और धूर्त चीन को सबक सिखाना जरूरी

नापाक पाक और धूर्त चीन को सबक सिखाना जरूरी


भारत के दो पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन की उकसाने वाली गतिविधियां बदस्तूर जारी रहना चिंता की बात है। पाकिस्तान और चीन की बुनियादी सोच मानवता विरोधी है। इसलिए ये दोनों देश नहीं बल्कि दुराग्रहों से भरी मानसिकताएं  हैं। यही मानसिकताएं भारत पर निरंतर प्रहार करती रहती हैं। जहां तक पाकिस्तान का सवाल है तो सीमा पर भारतीय सुरक्षा बलों की चौकसी के बाद वह बौखला सा गया है। इसी कारण वह भारत में हथियार और नशीले पदार्थ भेजने के नित नए तरीके अपनाता है। पिछले कुछ समय से पाकिस्तान ड्रोन का इस्तेमाल करके हथियारों और नशीले पदार्थों की खेपें पंजाब के रास्ते भारत  भेजता है। मिली जानकारी के मुताबिक सीमा सुरक्षा बल ने पंजाब और जम्मू कश्मीर में वर्ष 2021 में केवल एक-एक ड्रोन मार गिराया था, पर दिसंबर, 2022 तक यह आंकड़ा 22 तक पहुंच गया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जम्मू, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के साथ लगने वाली 2,289 किलोमीटर लंबी भारत-पाक सीमा पर ड्रोन देखे जाने की संख्या 2020 में 77 थी जो से 2021 में बढ़कर 104 हो गई। वर्ष 2022 में यह आंकड़ा 311 तक जा पहुंचा। इनमें से भी करीब 75 फीसद ड्रोन पंजाब में देखे गए हैं। पंजाब से हर दिन ऐसी खबरें आती रहती हैं कि हमारे सुरक्षा बलों ने हथियारों और नशीले पदार्थों से लदा ड्रोन मार गिताया है। सीमा सुरक्षा बल के हमारे चौकस जवान कई मामलों में ड्रोन को मार गिराते हैं और कुछ ड्रोन नशीले पदार्थ और हथियार फेंक कर निकल जाते हैं। लेकिन हमारे चौकस जवान इस सामग्री को भेजने वाले तस्करों के गुर्गों तक नहीं पहुंचने देते हैं। इस मामले में केंद्र सरकार को सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों को आधुनिक तकनीक और हथियारों से लैस करना होगा ताकि दुश्मन की नापाक कोशिशों पर लगाम लगाई जा सके। अभी सुरक्षा बलों के पास वह तकनीक और उपकरण नहीं हैं जो दुश्मन के पास हैं। इस कारण कई बार दुश्मन हमारे जवानों को चकमा दे जाता है। चूंकि पाकिस्तान की नीतियां और नीयत साफ नहीं है। पाकिस्तान जिस बुनियाद और सोच पर बना और टिका हुआ है वह खोखली और मानवता विरोधी है। उसकी सोच में कट्टरवाद का जहर मिला हुआ है जो उसे चैन से नहीं बैठने देता है। यह अपनी नापाक हरकतों से कभी बाज नहीं आ सकता। केंद्र सरकार को समय रहते कदम उठाने होंगे ताकि पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों में सफल न हो सके।  
भारत के खिलाफ पाकिस्तान किसी से भी हाथ मिलाने को तैयार रहता है। भारत में आतंकवाद फैलाकर वह इसे तोडऩे का सपना देखता है, पर उसे अपने देश के अंदर पनप रहा जनाक्रोश नहीं दिखता। आज पाकिस्तान का कौन सा कोना ऐसा है जहां शांति और सुकून है। आतंकवाद का जहर धीरे-धीरे पाकिस्तान की रंगों को गलाता जा रहा है। लेकिन नापाक पाकिस्तान इसे नहीं समझ पा रहा है। वह धीरे-धीरे खुद को ही खत्म करने का सामान तैयार कर रहा है। पाकिस्तान भारत में आतंकवाद फैलाने पर जितना पैसा बहा रहा है यदि उसे अपने देश पर खर्चे तो वहां अभावों में जी रही अवाम को राहत मिले, लेकिन आतंकवाद के आका बने पाकिस्तान के हुकमरान इस बात को नहीं रहे। उन्हें समझ आती है तो सिर्फ भारत को परेशान करने की, जिनमें यह सफल होने से रहा। आतंकवाद का भस्मासुर एक दिन खुद उसे ही जला देगा। 
जहां तक चीन की बात है तो तीसरी बार सत्ता के सर्वोच्च पद पर बैठने के बाद शी जिनपिंग विस्तारवाद और एशिया क्षेत्र में अर्थव्यवस्था पर एकाधिकार के मंसूबे पूरे करने में जुट गए हैं। भारत सीमा पर उसकी गतिविधियां, ताइवान में उकसाने वाली हरकतें और रूस से दोस्ती से जिनपिंग के इरादे साफ झलकते हैं। जिनपिंग पाकिस्तान के साथ दोस्ती बढ़ा कर उसकी मदद कर रहा है। यह भारत के लिए खतरे की बात है। तवांग में कुछ समनय पहले भारत और चीन के सैनिकों में के बीच झड़प सिर्फ  झड़प तक सीमित नहीं रखी जा सकती। इन घटनाओं के बाद भारत ने चीन सीमा पर अपनी स्थिति और निगरानी मजबूत करने के लिए वायुसेना की गरुड़ स्पेशल फोर्स को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सक्रिय किया है। भारत की सुरक्षा एजंसियों को ये इनपुट मिला था कि चीन भारत को लद्दाख, नॉर्थ ईस्ट और नेपाल तीन तरफ से घेरना चाहता है। चीन की गतिविधियों की गूंज संसद में भी सुनाई दी है। कांग्रेस सहित विपक्ष का आरोप है कि मोदी सरकार चीन के मामले में चीजों को साफ करने से कतरा रही है। बहरहाल, जो भी हो भारत को धूर्त चीन की गतिविधियों से चौकस रहना होगा। चीन पर कूटनीतिक दबाव बनाने के साथ-साथ उसे रोकने के लिए साम-दाम-दंड-भेद समेत तमाम कड़े कदम भी उठाने होंगे। 


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