कामयाब नहीं हो पाएंगे पंजाब में दहशत पैदा करने के मंसूबे
सुमित्रा
विदेशों में बैठे खालिस्तानी आतंकी एक-एक कर मारे जा रहे हैं। आतंकी हरप्रीत सिंह निज्जर की कनाडा में गोली मार कर हत्या कर दी गई है। इससे पहले भारत के तिरंगे झंडे का अपमान करने के आरोपी अवतार सिंह खंडा की मौत का मामला सामने आया था। इसी तरह पाकिस्तान में खालिस्तान कमांडो फोर्स से संबंध रखने वाले परमजीत सिंह पंजवाड़ और हरमीत सिंह पीएचडी की भी हत्या हो चुकी है। पंजवाड़ चंडीगढ़ बम ब्लास्ट का भी मास्टरमाइंड था। खालिस्तानी आतंकियों के इस तरह से मारे जाने से सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख गुरपटवंत सिंह पन्नू ने भारत के खिलाफ जहर उगलते हुए गोली का जवाब बम ब्लास्ट से देने की धमकी दी है। हालांकि खालिस्तान समर्थकों की एक के बाद एक हत्या से आतंकी संगठनों में खलबली है।
दशकों तक आतंकवाद का दंश झेल चुके पंजाब में दहशत पैदा करने की कोशिशें आज भी जारी हैं। पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए नशे की खेप और हथियारों की सप्लाई के प्रयास लगातार हो रहे हैं। पंजाब के बेरोजगार युवाओं को लालच देकर अपनी तरफ मिलाने की आतंकवादियों की कोशिश भी जारीहैं। लेकिन इस मामले में केंद्रीय एजेंसियां की अतिरिक्त सतर्कता की वजह से आतंकी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं।
हरप्रीत सिंह निज्जर : राष्ट्रीय सुरक्षा एजंसी (एनआईए) ने हरप्रीत सिंह निज्जर की सूचना देने पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। देश विरोधी गतिविधियों के चलते निज्जर को पहले ही भगोड़ा घोषित किया जा चुका था। जानकारी के अनुसार निज्जर पर कनाडा में दो लोगों ने गोलियां चलाई थीं। गोलीबारी की यह घटना सरीं स्थित गुरुद्वारा साहिब की पार्किंग में हुई। निज्जर सिख फॉर जस्टिस की कनाडा इकाई का प्रधान था।निज्जर मूल रूप से पंजाब में जालंधर का रहने वाला था, लेकिन काफी समय से कनाडा में रह रहा था। कई प्रतिबंधित सिख संगठनों से जुड़े रहे निज्जर का नाम हिंदू नेताओं की टारगेट किलिंग में भी सामने आया था।
पाकिस्तान में बैठे आतंकियों को हथियार और पैसा मुहैया करवाने में भी निज्जर की संलिप्तता मानी जा रही थी। ऐसे लोगों का इस्तेमाल वह भारत विरोधी गतिविधियों के लिए करता था। कनाडा में चलाई गई रेफरेंडम मुहिम में भी उसका हाथ था। युवाओं को खालिस्तान मुहिम से जोड़ने के लिए वह हमेशा सोशल मीडिया पर वीडियो और ऑडियो मैसेज डालता रहता था। एनआईए ने कुछ समय पहले ही जालंधर में निज्जर की 11 कनाल 13 मरला जमीन अटैच की थी। फिल्लौर में एक डेरा संचालक की हत्या में नाम आने के बाद निज्जर इनामी आतंकी घोषित किया था।
जानकारी के अनुसार निज्जर की हत्या में शार्प शूटरों का इस्तेमाल किया गया था। हत्या में लिए वैसे ही शूटर शामिल थे जैसे परमजीत सिंह पंजवाड़ और हरमीत सिंह पीएचडी के लिए पाकिस्तान में थे। ऐसे ही शूटरों का इस्तेमाल कनिष्क विमान विस्फोट के आरोपी रिपुदमन सिंह की हत्या के लिए भी किया गया था। कनाडा में इस बात को लेकर जांच कर रही है कि क्या निज्जर की हत्या कांट्रेक्ट किलिंग के जरिए की गई है और क्या इसके लिए डार्क वेब का इस्तेमाल किया गया था?
उल्लेखनीय है कि पुलिस ने निज्जर को आगाह भी किया था कि उसकी हत्या को लेकर डार्क वेब पर कोडिंग की गई है। अपनी हत्या की आशंका निज्जर ने गुरुद्वारा की संगत के दौरान भी व्यक्त की थी। जांच इस बात को लेकर भी चल रही है कि रिपुदमन सिंह की हत्या का आरोप हरदीप सिंह निज्जर पर लगा था, कहीं अब उसी वारदात का बदला तो नहीं लिया गया है? कनाडा पुलिस के लिए डार्क वेब को डिकोड करना भी आसान नहीं है।
अवतार सिंह खांडा : खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के करीबी अवतार सिंह खांडा की ब्रिटेन में मौत की खबर भी चौंकाने वाली रही है। पहले आशंका जताई जा रही थी कि उसे जहर दिया गया है। अब ब्रिटेन के मेडिकल रिकॉर्ड में अवतार सिंह खांडा के ब्लड कैंसर होने की पुष्टि हुई है। भारतीय खुफिया सूत्रों ने अवतार सिंह के मौत की पुष्टि की है।
उस पर यूके में भारत के तिरंगे झंडे का अपमान करने का आरोप था। तिरंगे के अपमान के मामले की जांच एनआईए भी कर रही है। खांडा पंजाब के मोगा का रहने वाला था। उसका परिवार अब भी मोगा में रहता है। खांडा वर्ष 2014 में काम की तलाश में इंग्लैंड चला गया था।
'वारिस पंजाब दे' के मुखिया अमृतपाल सिंह को 37 दिनों तक छिपाकर रखने में भी खांडा ने ही मदद की थी। खांडा को ब्रिटेन में भारतीय दूतावास पर हुए हमले और तिरंगे के अपमान के बाद गिरफ्तार किया गया था। खांडा ने ही पंजाब में अमृतपाल सिंह को खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई थी।
खंडा के चाचा बलवंत सिंह खुकराना को 1988 में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में मार गिराया था। खंडा के पैदा होने के तीन साल बाद ही 3 मार्च, 1991 को उसके पिता कुलवंत सिंह खुकराना को भी सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में म आर गिराया था। खांडा के पिता और चाचा दोनों खालिस्तानी फोर्स के सक्रिय सदस्य थे। खांडा का मामा गुरजंट सिंह बुधसिंहवाला खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का प्रमुख था।ब्रिटेन में खांडा खालिस्तानियों से संपर्क में आया और फिर खालिस्तानी मूवमेंट का सक्रिय सदस्य बन गया था।
इसके बाद खांडा अकाली दल (मान) से जुड़ गया। इस संगठन से जुड़ने के कुछ दिनों बाद ही वह यूथ विंग का उपाध्यक्ष बन गया। खांडा को अमृतपाल का गॉडफादर माना जाता है। अमृतपाल ने पंजाब आने से पहले खांडा से ही मुलाकात की थी। सुरक्षा एजंसियों का मानना है कि खांडा आईडी और दूसरे तरह के हथियार चलाने में माहिर था। उसने भारत लौटने से पहले अमृतपाल को ‘मिशन खालिस्तान’ के तहत ट्रेनिंग दी थी। खांडा के जरिए ही अमृतपाल मोस्ट वांटेड परमजीत सिंह पम्मा के संपर्क में आया था।
पंजाब पुलिस और केंद्रीय एजंसियां जब अमृतपाल सिंह की तलाश कर रही थी तो इस दौरान प्रदर्शन हुआ था। इन विरोध प्रदर्शनों के नेतृत्व में कुछ दिन पहले कनाडा में मारे गए आतंकी हरदीप सिंह निज्जर और अवतार सिंह खांडा भी शामिल हुए थे। इन लोगों को खालिस्तानी नेताओं के रूप में पेश किया जा रहा था। केंद्रीय सुरक्षा एजंसियां इस मामले में डिब्रूगढ़ की जेल में बंद अमृतपाल सिंह के साले से भी पूछताछ कर चुकी हैं।
परमजीत सिंह पंजवाड़ : छह मई को अज्ञात बाइक सवारों ने लाहौर के जौहर कस्बे की सनफ्लावर सोसाइटी में घुसकर परमजीत सिंह पंजवाड पर तबाड़तोड़ गोलियां बरसाकर मार गिराया।
हमला इतना सटीक था कि परमजीत सिंह पंजवाड की मौके पर ही मौत हो गई। पजंवाड़ लाहौर में मलिक सरदार सिंह के छद्म नाम से रह रहा था। जानकारी के अनुसार, हमलावर सुबह 6 बजे बाइक पर सवार होकर सोसाइटी में घुसे थे। उन्होंने परमजीत सिंह पंजवाड़ पर हमला किया और मौके से फरार हो गए।
परमजीत सिंह पंजवाड़ पंजाब के तरनतारन जिले के झब्बाल गांव का रहने वाला था। वह पहले पंजाब के सोहल में एक बैंक में नौकरी करता था। पंजाब में आतंकवादियों के संपर्क में आने के बाद उसने आतंकी संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स खड़ा कर लिया। भारत के केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2020 में आतंकियों की एक सूची जारी की थी, जिसमें पंजवाड का भी नाम था।
पंजवाड पाकिस्तानी खुफिया एजंसी आईएसआई के हाथों की कठपुतली था। आईएसआई उसका इस्तेमाल भारत में ड्रोन के माध्यम से नशीली दवाएं, ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के लिए करती थी। हथियारों और ड्रग्स तस्करी के जरिए पैसे जुटाकर वह खालिस्तान कमांडो फोर्स की जरूरतों को पूरा करता था। अपने चचेरे भाई लाभ सिंह के आतंकी बनने के बाद पंजवाड़ 1986 में
खालिस्सान कमांडो फोर्स में शामिल हुआ था। लाभ सिंह को भारतीय सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। इसके बाद उसने खालिस्तान कमांडो फोर्स की कमान संभाल ली थी। भारत में सुरक्षा बलों के खतरे को देखते हुए वह 1990 में पाकिस्तान भाग गया था।
पंजवाड ने 30 जून, 1999 को चंडीगढ़ पासपोर्ट कार्यालय के पास बम ब्लास्ट कराया था। इस विस्फोट में चार लोग घायल हुए थे, जबकि कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचा था। बम एक स्कूटर की डिग्गी में रखा गया था।
इसी तरह पिछले साल 14 जुलाई को कनाडा में रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या हुई थी। लंबे समय से कनाडा में रह रहा मलिक 1985 के एअर इंडिया के विमान में बम धमाके के मामले में वांछित था। कनाडा की कानूनी अड़चनों की वजह से उसे रिहा कर दिया गया था। मलिक लगातार भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल था। भारत-कनाडा के बीच हुए समझौतों के तहत वहां रहने वाले खालिस्तान समर्थक आतंकियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
इससे पहले जनवरी, 2020 में हरमीत सिंह उर्फ हैप्पी पीएचडी की भी लाहौर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जांच एजंसियों के मुताबिक हैप्पी पीएचडी भारत में खालिस्तान लिबरेशन फोर्स मॉड्यूल के लिए काम कर रहे लोगों को ट्रेनिंग दे रहा था और खाड़ी देशों में भी संगठन तैयार कर रहा था। हैप्पी, साल 2016 से 2017 के बीच पंजाब में हुई टारगेट किलिंग का भी आरोपी था। इस दौरान छह लोग मारे गए थे, जिनमें आरएसएस नेता ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा और लुधियाना के पादरी सुल्तान मसीह भी शामिल थे।
पन्नू की धमकी : ब्रिटेन में भारतीय दूतावास पर हमले में शामिल अवतार सिंह खंडा की मौत, पाकिस्तान में परमजीत सिंह पंजवड़ और कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से अमेरिका में बैठा सिख फॉर जस्टिस का सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू परेशान है। इससे यूके, अमेरिका और कनाडा में बैठे खालिस्तान समर्थक बाकी आतंकियों में भी दहशत का माहौल है।
निज्जर और पंजवड़ की हत्याओं से घबराए न्नू ने भारत के खिलाफ फिर जहर उगला है। निज्जर की हत्या के बाद उसने वीडियो जारी कर कहा कि गोली का जवाब बम से दिया जाएगा। भारत के खिलाफ अभियान चलाते हुए वह पंजाब में सिख युवाओं को उग्रवाद में शामिल होने के लिए भी उकसा रहा है। कभी अमेरिका तो कभी ब्रिटेन में रह रहा पन्नू लगातार नफरत भरे वीडियो जारी करता रहता है। केंद्र सरकार ने जिन खालिस्तान समर्थक मोस्ट वांटेड नौ आतंकियों की सूची जारी की थी, उसमें पन्नू का नाम भी शामिल है।
बॉक्स
मोस्ट वांटेड आतंकी?
0 वाधवा सिंह बब्बर : पाकिस्तान में रहता है।आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल का प्रमुख है।
0 लखबीर सिंह रोडे : पाकिस्तान में रहता है। इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन चलाता है।
0 रंजीत सिंह नीटा : पाकिस्तान में रहता है। खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स का प्रमुख है।
0 परमजीत सिंह पंजवड़ : खालिस्तान कमांडो फोर्स से संबंध रहा है। (हाल ही में हत्या हुई है)
0 भूपिंदर सिंह भिंडा : जर्मनी में रहता है। खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स का प्रमुख सदस्य है।
0 गुरमीत सिंह बग्गा : जर्मनी में खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के लिए काम कर रहा है।
0 गुरपतवंत सिंह पन्नू : अमेरिका में रहता है। आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस का प्रमुख है।
0 हरदीप सिंह निज्जर : खालिस्तान टाइगर फोर्स से संबंध रहा है। (हाल ही में हत्या हुई है)
0 परमजीत सिंह पम्मा : आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल का प्रमुख है।
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